नई दिल्ली । पहले सुषमा स्वराज बनाम कपिल सिब्बल और अब बांसुरी स्वराज बनाम सोमनाथ भारती। दिल्ली 28 साल बाद एक बार फिर से काले कोट (अधिवक्ताओं) के बीच जंग का गवाह बनने जा रही है। साल 1996 के चुनाव में दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस के कपिल सिब्बल आमने सामने थे। इस बार नई दिल्ली क्षेत्र में दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज की पुत्री और पेशे से मां की तरह ही अधिवक्ता बांसुरी स्वराज के सामने इसी पेशे से जुड़े आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सोमनाथ भारती हैं। तब सुषमा ने अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंदी सिब्बल को मात दी थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भारती और बांसुरी में से कौन बाजी मारता है। सोमनाथ भारती ने बांसुरी स्वराज की उम्मीदवारी की घोषणा के अगले दिन तीन मार्च को ही उन पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी और वह लगातार उन पर उनकी वकालत को लेकर आरोप लगा रहे हैं। सोमनाथ भारती मीडिया के समक्ष आने के अलावा जनसंपर्क के दौरान बांसुरी स्वराज पर हमले बोल रहे है। उन्होंने आरोप लगाए है कि बांसुरी ने देेश का धोखा देने वालों की कोर्ट में पैरवी की है। इसके अलावा वह केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को तथाकथित मामलों में गिरफ्तार कर रही ईडी की वकील हैं। नई दिल्ली क्षेत्र से बांसुरी स्वराज व सोमनाथ भारती के मैदान में उतरने के साथ ही दिल्ली में साल 1996 की तरह काले कोट वालों के बीच रोचक जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। दिल्ली में यह मंजर लोकसभा चुनाव में दूसरी बार देखने को मिल रहा है। साल 1996 में कपिल सिब्बल ने सुषमा स्वराज पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी थी। वहीं, सुषमा स्वराज ने उनकी चुनौती को स्वीकार करते जवाब दिया था कि काला कोट उनके पास भी है। लिहाजा वह उनकी धमकी से डरने वाली नहीं हैं।